गिरता ज्वार

ऐ जिंदगी, तू ही बता, क्यों है खफ़ा, क्या की ख़ता,
आँखों मे क्यू, पानी भरा, यूँ ना सता, अब दे बता,
ज़ालिम जहां, सारा यहां, तू भी न कर, मुझको जुदा,
मेरी साँस को, तेरी आस है,मेरे दिल को उसकी,चाह है
ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी…

मेरी आह में, वो नाम है, पर जिंदगी गुमनाम है
मेरी आह को आवाज दे, ऐ जिंदगी तू साथ दे
मेरी अर्ज तू स्वीकार ले, मेरे जिस्म में थोड़ी जान दे
मनहूसियत को त्याग के, होंठो को तू मुस्कान दे
ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी…

जरा याद कर उस दौर को,जब हम मिले उस मोड़ पर,
तूने दिया झकझोर कर, एक लात माँ के कोख पर,
वो खुश थी तेरी चोट पर, मेरी सिसकियों की शोर पर,
खामोश कर ग़र् जाएगी, मेरी माँ दुखी हो जाएगी
ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी…

तू उसका कुछ तो ख्याल कर,ऐ जिंदगी मुझे माफ़ कर
मेरे हाथ को तू थाम कर, मेरे अक्स पर कुछ काम कर
कुछ रंग इसमे झोंक दे, थोड़ी प्राणवायु धौंक दे
तेरा दास मैं बन जाऊँगा, तेरे गुण सदा मैं गाऊँगा
ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी, ऐ जिंदगी…

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© Arvind Maurya

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